हरिद्वार
किसान मजदूर संगठन सोसायटी (पंजीकृत) ने हरिद्वार प्रशासन और पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए लाठीचार्ज की तीखी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। संगठन ने साफ कहा कि अन्नदाता और बेकसूर किसानों पर डंडे बरसाना सत्ता की तानाशाही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बिजली मीटर के मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेतृत्व में देहरादून कुच कर रहे किसानों को प्रशासन ने रोक दिया और विरोध करने पर उन पर लाठियां भांजी गईं। इस दौरान कई किसान घायल हो गए।
किसान मजदूर संगठन सोसायटी ने बयान जारी कर कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से हो रहे इस आंदोलन को दबाने का हर प्रयास निंदनीय है। संगठन ने टिकैत किसानों के आंदोलन और धरना-प्रदर्शन का वैचारिक रूप से पूर्ण समर्थन किया है।
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि किसान और मजदूर ही देश की रीढ़ हैं। यदि इन्हीं पर अत्याचार होगा तो यह सीधे-सीधे लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने जैसा होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रशासन किसानों की आवाज़ दबाने की कोशिश करेंगे, तो संगठन भी सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेगा।
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